Monday, Mar 31 2025 | Time 10:56 Hrs(IST)
  • भागलपुर में रामनवमी पर ऐतिहासिक पोर्ट्रेट आर्ट, भगवान राम की भव्य छवि ने मोहा मन
  • देशभर में धूमधाम से मनाई जा रही ईद-उल-फितर, हरमू ईदगाह में अदा की गई नमाज
  • कश्मीर को मिलेगी पहली वंदे भारत ट्रेन! उधमपुर में दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल का पीएम मोदी 19 अप्रैल को करेंगे लोकार्पण
  • Eid-ul-Fitr 2025: आज पूरे देश में धूमधाम से मनाई जा रही ईद, जानिए इस त्योहार का महत्व और इससे जुड़ी कुछ खास बातें
  • Chaitra Navratri 2025 Day 2: आज होगी मां ब्रह्मचारिणी की उपासना, जानें शुभ मुहूर्त, विधि और महत्व
  • Jharkhand Weather Update: झारखंड में एक बार फिर बदलेगा मौसम का मिजाज, ईद और सरहुल के बाद झमाझम बारिश से मिलेगी राहत
देश-विदेश


तलाक के बाद एलिमनी की रकम कैसे तय होती है? क्या पति को भी मिल सकता है गुजारा भत्ता?

तलाक के बाद एलिमनी की रकम कैसे तय होती है? क्या पति को भी मिल सकता है गुजारा भत्ता?

न्यूज़11 भारत


रांची/डेस्क: भारत के स्टार क्रिकेटर युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal) और धनश्री वर्मा (Dhanashree Verma) के तलाक के बाद, चहल को कोर्ट के आदेश पर 4.75 करोड़ रुपये की एलिमनी राशि चुकानी है. अब तक उन्होंने करीब 2.30 करोड़ रुपये चुका दिए हैं, और बाकी की रकम जल्द अदा करेंगे. यह पहला मामला नहीं है जब तलाक के बाद एलिमनी की मोटी रकम चर्चा में आई हो, चाहे वह हॉलीवुड के सेलिब्रिटी हों या बॉलीवुड के हाई-प्रोफाइल ब्रेकअप. तलाक और एलिमनी की रकम हमेशा से खबरों में बनी रहती है.

 

एलिमनी कैसे तय होती है?

इस मामले में कई लोग जानना चाहते हैं कि अदालतें कैसे तय करती हैं कि एक पति या पत्नी को दूसरे को कितनी एलिमनी दी जानी चाहिए. भारत में तलाक के मामलों में एलिमनी की रकम किसी निश्चित फॉर्मूले पर आधारित नहीं है. अदालतें दोनों पक्षों की वित्तीय स्थिति, कमाई की क्षमता और शादी में उनके योगदान जैसे कई पहलुओं को ध्यान में रखते हुए इस बारे में फैसला करती हैं. 

 

मैग्नस लीगल सर्विसेज एलएलपी की पार्टनर और फैमिली लॉ एक्सपर्ट निकिता आनंद के अनुसार, भारत में तलाक और एलिमनी के मामले में कोई सख्त नियम नहीं हैं. अदालतें विभिन्न कारकों को ध्यान में रखकर फैसला करती हैं, जैसे कि दोनों पक्षों की वित्तीय स्थिति, उनकी कमाई की क्षमता, और शादी में किए गए योगदान. उदाहरण के लिए, अगर एक पत्नी 20 साल से घर संभाल रही है और अब वह तलाक लेती है, तो कोर्ट उसकी स्वतंत्र आय की कमी और पति की आय को ध्यान में रखकर एलिमनी तय करेगा.

 

कमाई और शादी के दौरान बर्ताव का महत्व

अगर कोई पत्नी, जैसे प्रिया, अपने पति के व्यवसाय, परिवार और बच्चों के लिए अपने करियर से समझौता करती है, तो अदालत यह मानती है कि उसने परिवार के भले के लिए अपनी आजीविका छोड़ दी. इस स्थिति में, एलिमनी का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वह तलाक के बाद भी अपने जीवन स्तर को बनाए रखे, और कोर्ट पति की वित्तीय क्षमता को भी ध्यान में रखेगा.

 

सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट श्रीसत्य मोहंती के अनुसार, गुजारा भत्ता तय करते समय अदालतें विभिन्न पहलुओं पर विचार करती हैं, जैसे दोनों पक्षों की आय, विवाह के दौरान व्यवहार, सामाजिक स्थिति, व्यक्तिगत खर्च और आश्रितों की जिम्मेदारियां. इस आधार पर कई केस सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचते हैं. 

 

सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश

 

सुप्रीम कोर्ट ने 2024 में परवीन कुमार जैन बनाम अंजू जैन मामले में गुजारा भत्ता तय करने के कुछ महत्वपूर्ण कारकों का उल्लेख किया है:

 

- दोनों पति-पत्नी की सामाजिक और वित्तीय स्थिति

- पत्नी और बच्चों की जरूरतें

- दोनों पक्षों की रोजगार स्थिति और योग्यता

- आवेदक की स्वतंत्र आय या संपत्ति

- विवाह के दौरान जीवन स्तर

- पारिवारिक जिम्मेदारियों के लिए किए गए त्याग

- गैर-कामकाजी जीवनसाथी के लिए कानूनी खर्च

- पति की वित्तीय स्थिति, जिसमें उसकी आय और कर्ज शामिल हैं

 

इसके अलावा, सर्वोच्च अदालत ने महिला केंद्रित कानूनों के दुरुपयोग के प्रति भी चेतावनी दी है, और कहा है कि गुजारा भत्ता आश्रित पति या पत्नी को सुरक्षा देने के लिए होना चाहिए, न कि किसी को दंडित करने के लिए.

 

क्या पति को भी गुजारा भत्ता मिल सकता है?

आमतौर पर, गुजारा भत्ता पत्नी द्वारा पति से प्राप्त वित्तीय सहायता से संबंधित होता है, लेकिन भारतीय कानून कुछ विशेष परिस्थितियों में पुरुषों को भी गुजारा भत्ता मांगने की अनुमति देता है. हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत, पति भी गुजारा भत्ता मांग सकता है, क्योंकि यह जेंडर न्यूट्रल अप्रोच अपनाता है. हालांकि, इस परिदृश्य में पुरुषों को गुजारा भत्ता तब मिलता है, जब वे साबित कर सकें कि वे अपनी पत्नी पर आर्थिक रूप से निर्भर थे, जैसे कि विकलांगता या अन्य कारणों से कमाई में कठिनाई. 

 

दूसरे देशों में क्या है कानून?

अन्य देशों में गुजारा भत्ता तय करने के अपने तरीके होते हैं. कुछ देश सख्त नियमों का पालन करते हैं, जबकि कुछ अन्य व्यापक दिशा-निर्देशों का इस्तेमाल करते हैं. अमेरिका जैसे देशों में, कुछ राज्य आय, विवाह की अवधि और दोनों पार्टनर्स की कमाई की क्षमता के आधार पर निर्णय लेते हैं, जबकि ब्रिटेन में निष्पक्षता को प्राथमिकता दी जाती है ताकि दोनों पार्टनर्स एक समान जीवन स्तर बनाए रख सकें. 

 

यूरोपीय देशों जैसे जर्मनी और फ्रांस में अल्पकालिक वित्तीय सहायता को प्राथमिकता दी जाती है, जबकि स्कैंडिनेवियाई देशों में ज्यादातर दोनों पार्टनर्स से आत्मनिर्भर होने की उम्मीद की जाती है. मध्य-पूर्व में, जहां शरिया कानून लागू होता है, गुजारा भत्ता आमतौर पर अल्पकालिक होता है और तलाक के बाद सिर्फ वेटिंग पीरियड को कवर करता है.

 

भारत में अदालत की सहानुभूति

भारत में, तलाक के मामलों में दोष आधारित प्रणाली का पालन किया जाता है, जिसमें पत्नी को अक्सर अदालत की सहानुभूति मिलती है और पति को क्रूरता या व्यभिचार जैसे आरोप साबित करने होते हैं. इसके विपरीत, कई पश्चिमी देशों में दोष-रहित तलाक प्रणाली लागू है, जहां अदालतें अधिक तटस्थ दृष्टिकोण अपनाती हैं. भारत में अदालतें केस के आधार पर एकमुश्त या मासिक गुजारा भत्ता का आदेश दे सकती हैं.

 


 


 


 

 
अधिक खबरें
कश्मीर को मिलेगी पहली वंदे भारत ट्रेन! उधमपुर में दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल का पीएम मोदी 19 अप्रैल को करेंगे लोकार्पण
मार्च 31, 2025 | 31 Mar 2025 | 9:43 AM

जम्मू-कश्मीर में रेलवे कनेक्टिविटी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाते हुए पप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 अप्रैल को दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल का लोकार्पण करेंगे. इसके साथ ही वह कटगरा से श्रीनगर के लिए पहली वंदे भारत ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाएंगे. यह ऐतिहासिक अवसर कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से सीधे रेल संपर्क में जोड़ने का मार्ग प्रशस्त करेगा.

Eid-ul-Fitr 2025: आज पूरे देश में धूमधाम से मनाई जा रही ईद, जानिए इस त्योहार का महत्व और इससे जुड़ी कुछ खास बातें
मार्च 31, 2025 | 31 Mar 2025 | 9:07 AM

रमजान के पवित्र महीने के समापन के बाद आज पूरे देश में ईद-उल-फितर का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा हैं. इसे मीठी ईद भी कहा जाता हैं क्योंकि इस दिन विशेष रूप से सेवाइयां और अन्य मीठे पकवान बनाए जातेहैं. इस्लाम धर्म के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक ईद-उल-फितर आपसी भाईचारे, प्रेम और दान-पुण्य का संदेश देता हैं. इस दिन लोग मस्जिदों में नमाज अदा करते हैं. एक-दूसरे को गले लगाकार 'ईद मुबारक' कहते है और गरीबों व जरुरतमंदों की मदद करते हैं. आइए जानते है इस पर्व का महत्व और इसका इतिहास.

Chaitra Navratri 2025 Day 2: आज होगी मां ब्रह्मचारिणी की उपासना, जानें शुभ मुहूर्त, विधि और महत्व
मार्च 31, 2025 | 31 Mar 2025 | 8:16 AM

चैत्र नवरात्रि 2025 का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी की उपासना के लिए समर्पित हैं. यह दिन साधना, संयम और शक्ति का प्रतीक माना जाता हैं. मां ब्रह्मचारिणी तप और ज्ञान की देवी है, जो अपने भक्तों को संयम और आत्मशक्ति प्रदान करती हैं. उनकी पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल प्राप्त होता है और जीवन में सकरात्मक ऊर्जा का संचार होता हैं. आइए जानते है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र और भोग के बारे में.

संन्यासी जीवन बुला साधु ने ढोल की धुन पर बीच सड़क अप्सरा संग लगाए ठुमके, देखें Viral Video
मार्च 30, 2025 | 30 Mar 2025 | 8:20 PM

दुनियाभर मकई सारे इंसान ऐसे होते है जो सन्यासी जीवन जीता है. संन्यासियों का जीवन भजन-कीर्तन, त्याग और ध्यान के लिए होता है. ऐसे में सन्यासियों को देखे जाता है कि वह काफी शांत और सहज व्यवहार के होते है. वह अपने जीवन को त्याग कर भगवान के चरणों में समर्पित कर देते है. लेकिन हम आपको अगर ये कहा कि एक सन्यासी बाबाजी ने संन्यास त्याग कर बीच सड़क पर ठुमके लगाए है. जी हाँ आप सही सुन रहे है. आइये आपको इस बारे में पूरी जानकारी देते है.

Hurul Rich List 2025: भरात में एक साल में 10 फीसदी बढ़ी अरबपतियों की संपत्ति, कुल संख्या हुई 284
मार्च 30, 2025 | 30 Mar 2025 | 5:50 PM

भारत देश में अरबपतियों की कमी नहीं है. देश में अरबपतियों की संख्या बढ़कर कुल 284 हो गई है. इस अरबपतियों के पास कुल 98 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति है. यह जानकारी हुरुन ने अपने एक लेटेस्ट रिपोर्ट में दी है. हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट फॉर 2025 के अनुसार, पिछले एक साल में देश के सबसे धनी व्यक्तियों की कुल संपत्ति में 10 फीसदी की बढ़ोतरी आई है.